रंगरेज़ा रंगरेज़ा !!
रंगरेज़ा ये चुनर रंग दे मोहे
अपने रंग में मलंग कर दे
मैं भूलू दुनियां सारी
हर हसरत हर होशियारी
मुझे जीने का शौक लगा है
मेरे मरने का डर ख़तम कर दे
रंगरेज़ा ये चुनर रंग दे मोहे
अपने रंग में मलंग कर दे
तेरी दुनिया अजब बड़ी है
खुद में ही उलझी पड़ी है
रातें है जागी-जागी
सुबह की नींद बड़ी है
अब तो तु अलख जगा के
मोरा मन खुद में मगन कर दे
रंगरेज़ा ये चुनर रंग दे मोहे
अपने रंग में मलंग कर दे
Thanks & Regards
अमरीश जोशी "अमर"
good one
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