Monday, February 1, 2010

आत्मा का गीत A motivational song of my soul

"आत्मा का गीत "
A motivational song of my soul
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आनंद हो प्रचंड
कर के तम को खंड खंड
अपने होठों को हंसी की
तू फुहार दे
आत्मा के गीत को
सत्य के संगीत को
बन रोम रोम साज
तू आवाज़ दे

ना डर अभी तू यत्न कर
जीने का प्रयत्न कर
दे दूसरों को रोशनी
तू आँखों में वो स्वप्न धर
लिख दे कुछ तू गीत ऐसे
जिस्म में लहू के जैसे
दिन ढले उम्मीदों का
ना होसलों की अब कभी भी रात हो

आनंद हो प्रचंड
कर के तम को खंड खंड
अपने होठों को हंसी की
तू फुहार दे
आत्मा के गीत को
सत्य के संगीत को
बन रोम रोम साज
तू आवाज़ दे

है तुझको गर जो प्रीत तो
प्रीत की ही जीत हो
इस प्रण से अपनी प्रीत
को आधार दे
जीवन हो या के हो मरण
हो रंग महल या के रण
जी ले ऐसे एक क्षण
की मौत की भी तेरे आगे मात हो

आनंद हो प्रचंड
कर के तम को खंड खंड
अपने होठों को हंसी की
तू फुहार दे
आत्मा के गीत को
सत्य के संगीत को
बन रोम रोम साज
तू आवाज़ दे

अमरीश जोशी "अमर"