बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
तुम्हारी सोंच और चाहत
के सांचे में ढला हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
है चाहत एक दुनियां में
अलग पहचान हो अपनी
वो मर्ज़ी हो या मजबूरी
अकेला ही चला हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
तुम्हारा साथ था जब तक
तुम्हे मेरी ज़रुरत थी
ज़रुरत ही सही लेकिन
ज़रूरी तो रहा हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
पुरानी डोर में होती हैं
अक्सर क्यूँ नई ऊलझन
इसी ऊलझन को सुलझाने में
खुद ऊलझा रहा हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
कोई रिश्ता ना अब टूटे
कोई अपना ना अब रूठे
यही तो चाहा था हरबार
जब जब भी झुका हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
कोई भी साथ दे ना दे
मैं अब उम्मीद क्यूँ रख्खूँ
उन्ही को हार बैठा हूँ
जिनकी खातिर लड़ा हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
कई किरदार बाकी है
अभी मेरे दिखाने को
हकिकत में तो हूँ छोटा
उम्मीदों में बड़ा हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
तुम्हारी सोंच और चाहत
के सांचे में ढला हूँ मैं
बुरा समझो बुरा हूँ मैं
भला समझो भला हूँ मैं
अमरीश जोशी "अमर"