झूका दो मुझे इतना
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Amrish Joshi
09425918016
बदन बस लाश रह जाये
ना बाकि मैं रहूँ
ना मेरी तलाश रह जाये
ये सोच के टुटा था मैं
शीशे की तरह यारों
न बाकि मैं रहूँ
बस मेरी आवाज़ रह जाये
मैं टूट कर भी टुकड़ो में हूँ
बस इसलिए बाकि
न बाकि मैं रहूँ
दिल में मगर एक याद रह जाये
तुझे शिकवे थे शिकायत थी
मेरे दिल की ये चाहत थी
ना बाकि मैं रहूँ
ना तू कही नाराज़ रह जाये
मेरे दिल ने कहा मुझसे
नज़र जब फेर ली तुमने
ना बाकि मैं रहूँ
लब पे मेरे फरियाद रह जाये
अमरीश जोशी "अमर"
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