रहे हाँ सच पे जो कायम बड़ी कीमत चुकाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
दबा कर दर्द को दिल में
वो कैसे मुस्कुराता है
मुश्किलों ने किया मुफलिस
मगर देखो खजाने को
दिखा कर दर्द को ठेंगा
वो ऐसे मुस्कुराता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
दगा देगा तुन्हें, कैसे ?
तुम्हारा हक़ वो छीनेगा
खजाने जो दुआओ के
हर पल ही लुटाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
हुआ पैदा जो शक दिल में
लगे हर रिश्ता जब झूठा
यकीन ना हो जो अपनो को
तो सच भी हार जाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
ना मैं झूठा ,न वो झूठा
मगर सच है कहाँ ? देखो
वो रिश्तों की दुहाई दे कर
मुझको लुटे जाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
किया रोशन था घर जिसने
लड़ा वो कैसे आँधी से
बहाता है लहु अपना
वो रिश्ते यूँ निभाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
दबा कर दर्द को दिल में
वो कैसे मुस्कुराता है
अमरीश जोशी "अमर"
दिखा कर दर्द को ठेंगा
वो ऐसे मुस्कुराता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
दगा देगा तुन्हें, कैसे ?
तुम्हारा हक़ वो छीनेगा
खजाने जो दुआओ के
हर पल ही लुटाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
हुआ पैदा जो शक दिल में
लगे हर रिश्ता जब झूठा
यकीन ना हो जो अपनो को
तो सच भी हार जाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
ना मैं झूठा ,न वो झूठा
मगर सच है कहाँ ? देखो
वो रिश्तों की दुहाई दे कर
मुझको लुटे जाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
किया रोशन था घर जिसने
लड़ा वो कैसे आँधी से
बहाता है लहु अपना
वो रिश्ते यूँ निभाता है
रहे हाँ सच पे जो कायम
बड़ी कीमत चुकाता है
दबा कर दर्द को दिल में
वो कैसे मुस्कुराता है
अमरीश जोशी "अमर"
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