it is talking abt the memories
खवाबो खयालो की बात अच्छी लगती है
नए साल में बीते सालो की बात अच्छी लगती है
कॉपी में लिखे जवाब तो याद नहीं रहते …. मगर
पेपर में छूते सवालो की बात अच्छी लगती है
अँधेरी रात में चांदनी का साथ
पतझड़ के मौसम में बारिश की बात अच्छी लगती है
जिंदगी की जद्दोजहद में जो याद दिला दे बचपन
मुझे बच्चो की हर वो खुरापात अच्छी लगती है
अपने शहर में बेगानों सा हु फिर भी
बेगाने शहर में अपनो से मुलाक़ात अच्छी लगती है
मैं फिक्रमंद हु वो मेरी किस बात पे फ़िदा है
सुनाने वालो को तो मेरी हर बात अच्छी लगती है
खवाबो खयालो की बात अच्छी लगती है
नए साल में बीते सालो की बात अच्छी लगती है
अमरीश जोशी “ अमर ”
Great One ....
ReplyDeleteNice one..
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